*कविश्री प्रभूदान सुरु नी एेक रचना .*
रटीएे सोनल नाम , करएे उजवल काम .....रटी
जनमो जनमनी पूंजी अमारी , सोनल बीज सुखधाम ,
बार राशीमा उत्तम अमने , पोष मास एेक नाम ,
रटीएे सोनल नाम , करएे उजवल काम.....
गाओ नित गुण श्रध्धा राखी , प्रात बपोर ने शाम ,
सोनल सोनल साद रुपाळो , गजवो गामे गाम ,
रटीएे सोनल नाम , करएे उजवल काम.....
सोनलने नित हरदम वहालुं , मढडा रुडु धाम ,
दर्शनथी दु:ख हळवा थाशे , सुधरे आतम राम ,
रटीएे सोनल नाम , करएे उजवल काम.....
चारणनो दिनमान सवायो , लेता सोनल नाम ,
हाम ठाम ने किरत साथे , देशे सोनल दाम ,
रटीएे सोनल नाम , करएे उजवल काम.....
रचना :- कवि श्री प्रभूदानजी सुरु भावनगर
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો