. *|| राजबाई रंगे रमे ||*
. *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
. *ढाळ:गरबी नो*
माना चुड़ला मां चंदर चमकाय, भेळीयो आभे भमे
मळी हारे मां आवड महमाय, राजबाई रंगे रमे..टेक
माडी छोरु नी करवा ने साय, धमणें व्रेमंड धमे
तारा गण केमे गणींया न जाय, राजबाई रंगे रमे..01
अमे बोलावी ज्यारे पण बाई, त्राड दईन आव्यां तमे
भीड पडतां तुं सामे भळाय, राजबाई रंगे रमे..02
तोळा दरशन थी दारीद दळाय, नवे खंड चरणे नमे
तुंतो भुख्या नुं भाथुं भणाय, राजबाई रंगे रमे..03
माडी चडीया नी जीभे चितराय, जोगीदान भेळी जमे
पछी कोळे ई सोळे कळाय, राजबाई रंगे रमे..04
तुंतो वायु ना रुपे रे वाय, पार कोंण तोळो पमे
मारा कुळ नो तुं सुरज कळाय, राजबाई रंगे रमे..05
जेना नेंणा मां हुती नबळाय, ई भुप कैंक रेढा भमे
ई रात कोई त्यां केमे रोकाय, राजबाई रंगे रमे..06
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