. *कवि श्री "दाद" नी एेक रचना*
*```नमु मंगला रुप मोगल माडी```*
|| छंद भुजंगी ||
तुं ही ओखा धरणी तणी आद्य अंबा,
जग जीवती भगवती जुगदंबा ,
प्रलंबा प्रचंडी प्रगल्भा पहाडी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(1)
जग जीवती भगवती जुगदंबा ,
प्रलंबा प्रचंडी प्रगल्भा पहाडी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(1)
क्यां क्यां नथी वागतुं तुज नगारु,
छे भीमराणेय थान्नक मा थारु,
करे छे घनश्याम सेवा तिहांरी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(2)
छे भीमराणेय थान्नक मा थारु,
करे छे घनश्याम सेवा तिहांरी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(2)
जगमाल शामळ तणी एेक जाया,
नाम मनुबा मुज माता कहायां,
अेना बोले माता सदाने बंधाणी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(3)
नाम मनुबा मुज माता कहायां,
अेना बोले माता सदाने बंधाणी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(3)
तारे हाथ तलवार लेवी पडे नई,
तारे सुिह स्वारी करवी पडे नई,
तारी करडी नजर दे दैत्यो संहारी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(4)
तारे सुिह स्वारी करवी पडे नई,
तारी करडी नजर दे दैत्यो संहारी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(4)
नथी बीजी आयुं मही नाम छोटुं,
छे नवलख चंडी मही नाम मोटु,
कवि मारकंड रुषिअे तुजने वखाणी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(5)
छे नवलख चंडी मही नाम मोटु,
कवि मारकंड रुषिअे तुजने वखाणी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(5)
तुं अंतर तणी वात जाणे छे आई,
मुखेथी नव बोलवुं पडे कांई,
दु:ख दर्दने भीडने भांगनारी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(6)
मुखेथी नव बोलवुं पडे कांई,
दु:ख दर्दने भीडने भांगनारी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(6)
थई भुल कोई होय तोय माफ करजे,
धोखा छोरुडाना न तुं हैये धरजे,
बधी तारी नजरे कीताबो उघाडी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(7)
धोखा छोरुडाना न तुं हैये धरजे,
बधी तारी नजरे कीताबो उघाडी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(7)
कठण आ कळीयुगने कोण पुगे,
थई धरा खोरी ने वाव्यु न उगे,
बचावी लीयो बांय जाली अमारी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(8)
थई धरा खोरी ने वाव्यु न उगे,
बचावी लीयो बांय जाली अमारी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(8)
तारु नाम लई लई रंकने डरावे,
गमे नई तने तोय तुजने भळावे,
देजे अेने डारो जरा हे दयाळी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(9)
गमे नई तने तोय तुजने भळावे,
देजे अेने डारो जरा हे दयाळी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(9)
मुक्यो हाथ माथे लीधां वारणा तें,
बंधाव्या सुना घेर मां पारणा तें,
लीली राखजे *"दाद"* कये वंश वाडी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(10)
बंधाव्या सुना घेर मां पारणा तें,
लीली राखजे *"दाद"* कये वंश वाडी,
नमु मंगला रुप मोगल माडी.(10)
*रचियता :- कविश्री दादुदान प्रतापदान मिशण*
*टाईप :- charantv.blogspot.com*
*वंदे सोनल मातरम्*
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