. जय माताजी
चारणी साहित्य अने लोक साहित्य द्वारा संस्कार अने संस्कृति ने जाळवी राखवा प्रयत्न करतुं मेगेझिन अेटले आई सोनलमां अेज्युकेशन अेन्ड चेरिटेबल ट्रस्ट राजकोट द्वारा प्रकाशित *```चारण संस्कृति अंक```*
चारण संस्कृति अंक- 24 मां अंकनी अनुक्रमणीका नीचे प्रमाणे छे.
🔹 तंत्री स्थानेथी :- श्री रामभाई जामंग
*लेख*
🔹चारण पणाने उजागर राखीअे :- ईशुभााई गढवी
🔹संजीवनी वातो :- राजुलभाई दवे
🔹 जेटलुं जरुरी छे ते राखा :- मोरारिबापु
🔹 चल मन शबद ने वेपार :- गोविंदभा घांधणिया
🔹 न सांभरे कोई :- रघुवीरभाई चौधरी
🔹 भगतबापु :- लाभुभाई राबा
🔹तिथी - तोरण :- मनुभाई टापरीया
🔹 शुं चारणोनां धरणा - त्रागां :- शिवदानभाई गढवी
🔹वाव : प्रेमकथानी मूक साक्षी :- नेहल जयदीप गढवी
🔹 कामधेनुं :- देराजभाई गढवी
🔹 चारण, चारणत्व अेज गुरुतत्व :- खोडुभा वाघेला
🔹 अमेरिकानो यादगार प्रवास :- नरसंगभाई ठाकरिया
🔹 आकाशवाणी अने चारणो :- रामभाई राबा
🔹 आईनी अनुभूति :- देराजभाई गढवी
🔹अभिप्राय :- दिलीपभाई सिल्गा
🔹 अवतारोनुं चिंतन अने मनन :- सुरेशभाई गढवी
🔹 अमीरस ईतिहासनो("कागरुषि"कथा) :- रामभाई जामंग
*मळवा जेवा मानवी*
🔹 स्व.लाखाभाई गढवी :- वी.अेस.गढवी
🔹 स्व लखुबापु :- दिनेशभाई अेन.मावल
*व्यक्ति विशेष*
🔹 लाभुभा लाखाभा जामंग :- गोविंदभा नांदण
🔹 चंद्रीकाबेन कनकसिंह गढवी (देथा)
🔹 डॉ.मिनलबेन गढवी :- नेहल जयदिप गढवी
🔹 श्री अेल.अे.गढवी :- डी.के.चारण (झुला)
*कविता*
🔹 रणने तो कोई रोको :- ईसुभाई गढवी
🔹 मैं चारण हूं , मैं चारण हूं ! :- शंकदानभाई गढवी
🔹खावींद ने खबर छे :- दिलजीतभाई गढवी ढसा ज.
🔹 तिरंगो :- जोगीदानभाई (चडीया) गढवी
🔹हरियाळी गीर छे रुडी :- राजभा गढवी (गीर)
🔹 शिवने भजो जीव दिन रात :- कवि प्रदीपभाई गढवी
🔹. श्री मानसजीनी आरती :- जोरुभा जोगडा
🔹 माता पितानी छत्रछाया -
🔹 आईमां दर्शन वंदन प्रार्थना :- गोविंदभा जाळग
तेमज :- लाखाभाई गढवीने श्रध्धांजलि / समाचार / पत्रप्रतिभाव / हरिरस / अमने गम्यु तमने पण गमशे / वसमी विदाय / जेवी अनेक जेवु अमुल्य साहित्य तेमज माहिती आवे छे.
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