जय माताजी सु प्रभात.
*11. फळने मळती वखते फुल मरण पामे छे.*
*12. बधा अनर्थो लोभमांथी ज जन्मे छे.*
*13. बधा सुकृत्यो त्यागमांथी उत्पन थाय छे.*
*14. प्रवृत्ति - मार्ग अनंत छे अने निवृत्ति - मार्गने अंत छे.*
*15. संकट समये मानवी समतुला गुमावी बेसे छे. तेमज काम , क्रोध , लोभ अने मोहमां पण पोते पोताना हाथमां रहेतो नथी.*
*16. पोताना कलंकनी पेठे , करेलां दान कदी याद करवा नहि.*
*17. कवि. राजतंत्री,शूरवीर अने नीच अे चार जन्मे छे.*
*18. अभ्यास अेटले अंदरनुं बहार काढवुं .*
*19. विपत्ति समये हाथी पण कुतरांनी मदद मागे छे.*
*20. थोडे ,पण हलके पंथे पडेलो मानवी नाश सुधी पहोंची जाय छे.*
रचियता :- भगतबापु
ટિપ્પણીઓ નથી:
ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો