{"कर्मण्ये वाधिका रस्ते , मां फलेषु कदाचन"}
*समग्र विश्वने महान अने अमुल्य गीताग्रंथ द्वारा जीवननी महान फीलोसोफी समजावनार भगवान श्री कृष्ण प्रभुनो प्रागट्य दिन अेटले "जनमाष्टमी" .......
नंद घेर आनंद भयो जय कनैया लालकी....
ना प्रसंड नारा साथे आ दिवसनी उजवणी समग्र विश्वमां दरेक हिन्दुओ उजवे छे
गामे - गाम तथा शेरी - गलीओमां रोशनी तथा धजा पताका थी शणगारवामां आवे छे
हवेली तथा मंदिरोमां रात्रे 12 कलाके शंखनाद साथे अबील अने गुलाल उडाडीने आ कृष्ण जन्मोत्सवने उजववामां आवे छे
जन्माष्टमीना पवित्र तहेवार नी आप सौने खूब खूब शुभेच्छा
🏻 जय श्री कृष्ण
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