ચારણત્વ

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શનિવાર, 24 માર્ચ, 2018

चारण जातिमां थई गयेव अनेक पराक्रमी कीर्तिवंता महान पुरुषरत्नो :- प्रस्तुति कवि चकमक

चारण जातिमां थई गयेल अनेक पराक्रमी कीतिॅवंता महान पुरुषरत्नो...!

भारतीय संस्कृतिनी मशालने प्रकाशित राखी समाज जीवनमां सौना मागॅदशॅक बनी रहेल चारण जातिमां भगवान शंकरना गण भकतवर पुष्पदंत थई गया. नाग पिंगलना रचयिता पिंगलाचायॅ थई गया.
पैशाची ( जूनी काश्मीरी ) भाषामां बृहत्कथा रचनारा पंडित गुणाढय जन्मया हता.
अनेक ग्रंथोना कताॅ राजशेखर यायावरीय थया.

श्री ईसरदासजी रोहडीया ( ईसरा परमेसरा ), सांयाजी झुला, मांडणजी वरसडा, कोलुवा भगत अने ब्रह्मानंदजी आशिया वगेरे महान-कविओ चारण जातिमां थया.

ते उपरांत पीठवोजी मीसण अने जशा लांगा, दुरसाजी आढा अने ओपाजी आढा, हरदासजी मीसण, लांगीदासजी महेडु, गोदडजी महेडुं, राजा लांगा, स्वरुपदासजी देथा, सूयॅमल्लजी मीसण अने गणेशपूरीजी रोहडीया, कानदासजी महेडु अने वजमालजी महेडु, हमीरजी रत्नुं अने वीरभाणजी रतनुं, जगाजी खडिया अने कृपारामजी खडिया, कुंभाजी झुला अने जशुरामजी वरसडा, रामचंद्रजी मोड अने उम्मरदानजी लाळस, दुदाजी आसिया अने नवलदानजी आशिया, पाताभाई नरेला अने पींगळशीभाई नरेला, जीवाभाई शामळ तथा केशरीसिंहजी सौदा जेवा उच्च कोटिनां कविरत्नो चारण जातिमां थई गया.

मावलजी साबाणी, मेर बाटी, सगमालजी सिद्घ, साखडाजी पडयार, लाखाजी रोहडीया, करणीदानजी कविया, दयालदासजी सिंहढायच, श्यामलदासजी दघिवाडीया, केशवदासजी गाडण, किसनसिंहजी सौदा, बांकीदासजी आसिया, मुरारिदानजी आसिया, भैरवदानजी वीठु, केसरसिंहजी सौदा ( कोटा ) अने किशोरसिंहजी सौदा, पिंगळशीभाई रतनुं ( वढवाण ) ठारणभाई महेडु जेवा राजनीतिपटु कविओ ईतिहासकारो, राजव्यवस्थाप्रबंघको, शासनकताॅओ, दानेश्वरीओ प्रभावशाळी पुण्यात्माओ अने देशभकतो आ ज चारण जातिमां थई गया छे.

आम चारण जातिमां अनेक पराक्रमी कीतिॅवंता महान पुरुषरत्नो थई गया छे.

जय माताजी.

प्रस्तुति कवि चकमक.

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