ચારણત્વ

" આપણા ચારણ ગઢવી સમાજની કોઈપણ માહિતી,સમાચાર અથવા શુભેચ્છાઓ આપ આ બ્લોગ પર પ્રકાશિત કરવા માગતા આ વોટ્સએપ ન.9687573577 પર મોકલવા વિંનતી છે. " "આઈશ્રી સોનલ મા જન્મ શતાબ્દી મહોત્સવ તારીખ ૧૧/૧૨/૧૩ જાન્યુઆરી-૨૦૨૪"

Sponsored Ads

મંગળવાર, 5 સપ્ટેમ્બર, 2017

आई सोनल आदेश : रचना :- कवि श्री मेघराजभा मूळुभा रतन , मढाद

◆◆◆●आई सोनल आदेश ●◆◆◆
रचयिता कवि श्री मेघराजभा मूळुभा रतन

◆◆|| आइ सोनल आदेश ||◆◆

            || दोहा-सोरठा ||

सतवादी चारण बनो, काढो कुटुंब कलेश,
छोडो दारु चारणो, (इ) आइ सोनल आदेश.1

दाम साटे कोइ दीकरी, वेंचो नहीं लघुलेश,
दैत वृत्ती छोडी दियो, (इ) आइ सोनल आदेश.2

चोरी जारी चुगली, काढो जुगार कलेश,
नीतिथी चारण नभो, (इ) आइ सोनल आदेश.3

कुरिवाजो काढवा, वरतो समय विशेष,
कारज भोजन बंध करो, (इ) आइ सोनल आदेश.4

मही पर छोडो मांगवु, वधो पुरुषार्थ वेश,
नेक टेक राखो नवड, (इ) आइ सोनल आदेश.5

जीवन एवुं जीवजो, अहिंसा बनो उदे्श,
वेद रामायण वांचजो, (इ) आइ सोनल आदेश.6

सरस्वती सेवो सदा, भक्ति करो भवेश,
उज्जवळ रीति आचरो, (इ) आइ सोनल आदेश.7

पढो सुविध्या प्रेमथी, कायम समय संदेश,
देव जाती दिपावजो, (इ) सोनल आदेश.8

प्रतिभा तेज प्रतापथी, नमे महा नरेश,
ऐवा चारण अवतरो, (इ) आइ सोनल आदेश.9

धागा दोरा ने धुणवुं, काढो तुत कलेश,
चारण  पाखंड छोडजो, (इ) आइ सोनल आदेश.10

उज्जवळ करणी आचरो, व्रतधारी विशेष,
जगदंबा जीभे जपो, (इ) आइ सोनल आदेश.11

जीवन तपेश्वर जीवजो, वर्ण चारण विशेष,
तो,जगदंबा घर जन्मशे, (इ) आइ सोनल आदेश.12

तजो भोग आळश तजो, व्यसन तजो विशेष,
जीवन ऊंचुं जीवजो, (इ) आइ सोनल आदेश.13

हरखो नहीं पर हाणथी, परखो नहीं परद्वेश,
समद्रष्टि चारण बनो, (इ) आइ सोनल आदेश.14

दोष अवर देखो नहीं, पेंखो गुण प्रवेश,
शुभ द्रष्टि राखो सदा, (इ) आइ सोनल आदेश.15

सुणो नहीं कदी श्रवण, परनिंदा परद्वेश,
काढो झटपट कपटने, (इ) आइ सोनल आदेश.16

बोल एवा नव बोलशो,जे कडवा करे कलेश,
वाणी निर्मळ वापरो, (इ) आइ सोनल आदेश.17

काबर लाबर लूगडां, ऐवा पहेरो नहीं पहेरवेश,
वरतो सादा वेश थी, (इ) आइ सोनल आदेश.18

चारण चोथो वेद छे, दाखे उपमा देश,
माटे वेद पुराण जीभे वदो,(इ)आइ सोनल आदेश.19

फोगट घर घर भटकतां, हटशे मान हंमेश,
माटे ध्यान राखो धंधा तणुं, (इ)आइ सोनल आदेश .20

शरीर सुध्धी छे स्नानथी, भगती मन भवेश,
वित सुध्धी त्यागे वधे, (इ) आइ सोनल आदेश.21

बोल विचारी बोलवा, जेथी वधे तोल विशेष,
बोल कोल बदलो नहीं, (इ) आइ सोनल आदेश.22

रहेणी कहेणी एक रंग, वाणी वर्तन वेश,
एक रंगा उज्जवळ बनो, (इ)आइ सोनल आदेश.23

धन पाछळ धोडो नहीं, लोभ धरी मन लेश,
हक्क नीतिथी हालजो, (इ) आइ सोनल आदेश.24

सुख दुख छे संसार मां, विध विध रुपे वेश,
संतोषी सुखी बनो, (इ) आइ सोनल आदेश. 25

देग तेग राखो दया, वाच काछ विशेष,
जीवन तपधारी जीवो, (इ)आई सोनल आदेश.26

भोग विलाशे भुवनमां, वधे रोग विशेष,
जीवनमां योग आचरो, (इ) आइ सोनल आदेश.27

प्रणधारीने पेंखता, हरखे हदय हंमेश,
माटे ,अटंकी अडीखम रहो, (इ) आइ सोनल आदेश.28

कंठ कहेणी ने काव्यना, हलके धोध हंमेश,
गाओ गीत गोविंदना, (इ) आइ सोनल आदेश.29

काव्य कीर्ति मानव तणी, लखो नहीं लवलेश,
वदो न वाणी वैखरी, (इ) आइ सोनल आदेश.30

अभ्यागत ने आसरो, हरखे दीयो हंमेश,
धरम आश्रय धारजो, (इ) आइ सोनल आदेश.31

वखत प्रमाणे वरतजो, हिंमत राखी हंमेश,
करशो नहीं अवळा करज, (इ) आइ सोनल आदेश.32

धंधो एवो धारजो, जेमा पाप न थाय प्रवेश,
तो नारायण नीतिएे वशे, (इ) आइ सोनल आदेश.33

दरिया रेले दुखना, भले खडेडे आभ खगेश,
पण अणडग चारण नो डगे, (इ) आइ सोनल आदेश.34

कुशळ परहित काजमां, पुण्ये पंथ प्रवेश,
दुनियाने नव दुभवो, (इ) आइ सोनल आदेश.35

शक्ति धन बळ सांपडे, वधे सुख विशेष,
तोय चारण कोइ दी नो छके, (इ)आइ सोनल आदेश.36

मन मोटा तन उजळा, डारण पडछंद देह,
समदर पेटा चारणो, (इ) आइ सोनल आदेश.37

चतुराइ चारण ने वदे, डापण वंदे देश,
मटाडे कजीअा मलकना, (इ) आइ सोनल आदेश.38

प्रगट वेद पुराणमां, वेद शास्त्र विशेष,
चारण देव समर्थ छे, (इ) आइ सोनल आदेश.39

पख मोशाळे शेष पत, मुंणा पिता महेश,
चारण देवीपुत्र छे, (इ) आइ सोनल आदेश.40

व्याप्यो कळजग विश्वमां, समय कहत संदेश,
चारण  कसोटीथी चेतजो, (इ) सोनल आदेश.41

धर्म टके तो धन टके, वधे वंश विशेष,
सुख रहे संसारमा, (इ) आइ सोनल आदेश.42

जीवन दैवि जीवजो,एथि अवर लिये उपदेश,
कळजुगी जीवन काढजो, (इ)आई सोनल आदेश.43

तमो गुण अग्यान थी, वधे गर्व विशेष,
माटे हुं पद थी पाछा हटो, (इ) आइ सोनल आदेश.44

सुर दुर्लभ संसारमा ,वदीये मानव वेश,
पारस रुपी पेखजो, (इ) आइ सोनल आदेश.45

अडसठ तिरथ अांगणे, वंदो मावतर वेश,
ऐनी पाळो आग्ना प्रेमथी, (इ) आइ सोनल आदेश.46

दानव मानव देहने,हरपळ मोत हंमेश,
मुक्ति जीवन मेळवो, (इ) आइ सोनल आदेश.47

सर्जक पोषक सृष्टिनी, पालक रुप प्रमेश,
तुं शक्ति कारण करण, आइ सोनल आदेश.48

वर्ष एकावन विश्वमां, समप्या अमर संदेश,
स्वधाम सोनल संचर्या, ई आइ नमो आदेश.49

शीखे वांचे अने सांभळे, आइ सोनल आदेश,
बेशक जीवन धन्य बने, ई आइ नमो आदेश.50

सोनल मुखे सांभळ्या,जे एकावन आदेश,
कवि मेघराजे कथ्या, आ आई सोनल आदेश.51

************************************
रचयिता:चारण कवि श्री मेघराजभा मूळुभा रतन-मढाद

प्रेषक टाइप
आई श्री सोनल सतसई पाना नम्बर 79
सम्पादक
कवि प्रवीणभा हरूभा मधुडा राजकोट
मो 097239 38056
095109 95109

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો

Featured Post

ઇન્દુબેન ધીરૂભાઈ ગઢવી મેમોરીયલ ટ્રસ્ટ - રાજકોટ દ્વારા સ્કોલરશીપ વિતરણ

ચારણ ગઢવી વિદ્યાર્થીઓ જોગ ઇન્દુબેન ધીરૂભાઈ ગઢવી મેમોરીયલ ટ્રસ્ટ - રાજકોટ દ્વારા સ્કોલરશીપ વિતરણ દર વર્ષની જેમ આ વર્ષે પણ ચારણ ગઢવી સમાજનાં સ...