*आई श्री सोनल माँ मढडा*
*स्तूती कवित*
मढडा निवासी तूम मात हो महान मेरी,
हेरी देखो मेरी ओर आप उपकारी है,
हमीर दूलारी हेते शरन तिंहारो ग्रह्यो,
आप से महान नाहीं ओर अवतारी है,
जगमें प्रसिध नाम सोनल संसार बिच,
आप ही हमारी एक सदा रखवारी है,
कहे *दिलजीत बाटी* यही कलिकालही में,
माँ सोनल को एक नाम सदा सूखकारी है,.......1
सदा देहू सूख हर दूःख हरी लेहू मैया,
करदे किनार मेरी नैया मझधार है,
कहां जाऊ किस्से कहू कौन सूने बात मेरी,
अवनी में आप मेरो एकही आधार है,
निराधार नाहिं हूं में मात हो तूम्हारे जैसी,
अंखत उगारो यामे कौन उपकार है,?
कहे *दिलजीत बाटी* सदा आई सोनबाई,
शकितवट चारण की सही शणगार है, ......2
कलियूग वारो आज हडूडे संसार दधी,
तामे तरबेकू जगदंबा ही जहांज है,
साद सूणी अविलंब आये अवतारी मात,
सदा काल सोनल हमारी शिरताज है,
कापे पाप दोष अरु मटी जावे रोग महा,
हटी जावे दूःख शोक शाता को समाज है,
कहे *दिलजीत बाटी* अंबा अवतार वारी,
रखी लिजे मात मेरी तेरे हाथ लाज है,
आई श्री सोनल मां वंदना
दिलजीत बाटी ढसा जं.
*मो...99252 63039
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